सीआरपीएफ के जवानों ने कहा- आदेश होता तो इन दंगाइयों को 10 मिनट में सीधा करके घर भेज देते
करावल नगर/भजनपुरा/मुस्तफाबाद/चांद बाग/चंदू नगर/खजूरी खास से भास्कर रिपोर्ट. सुबह के 10 बजने को हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में यह सुबह बेहद तनाव के साथ हुई है। सिग्नेचर ब्रिज से खजूरी की ओर बढ़ने पर इसके दर्जनों सबूत दिखने लगते हैं। बाजार बंद हैं। सड़कें पत्थरों से पटी पड़ी हैं। जली हुई दर्जनों गाड़ियां सड़क के दोनों ओर मौजूद हैं और आग लगी इमारतों से अब तलक धुआं उठ रहा है। धुआं उगलती ऐसी ही एक इमारत मोहम्मद आजाद की है। ये इमारत उस भजनपुरा चौक के ठीक सामने है, जहां स्थित पुलिस सहायता केंद्र और एक मजार को भी सोमवार को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। मोहम्मद आजाद कई सालों से यहां ‘आजाद चिकन कॉर्नर’ चलाया करते थे, जो अब राख हो चुका है। इसी इमारत के दूसरे छोर पर उनके भाई भूरे खान और दीन मोहम्मद की फलों की दुकानें हुआ करती थीं। इस दो मंज़िला इमारत में नीचे दुकानें थीं और ऊपर मोहम्मद आज़ाद के भाई भूरे खान का परिवार रहता था।
आगजनी के बारे में आजाद बताते हैं, ‘सोमवार की दोपहर दंगाइयों ने हमला किया। सड़क के दूसरी ओर भजनपुरा है, वहीं से सैकड़ों दंगाई आए और तोड़-फोड़ करने लगे। पहले उन्होंने दुकान का शटर तोड़ा और लूट-पाट की। इसके बाद पेट्रोल छिड़क कर हमारी गाड़ियां, दुकान, घर सब जला डाला।’ जिस वक्त इस इमारत में आग लगाई गई उस दौरान भूरे खान अपने परिवार के साथ इमारत में ही मौजूद थे। वे बताते हैं, ‘कल दोपहर पत्थरबाज़ी दोनों तरफ से ही हो रही थी। जब यह शुरू हुई, उससे पहले ही माहौल बिगड़ने लगा था तो हम लोग दुकान बंद करके ऊपर अपने घर में आ चुके थे। हमें अंदाज़ा नहीं था कि दंगाई शटर तोड़कर हमारे घर में दाख़िल हो जाएंगे या घर को आग लगा देंगे।’
डबडबाई आंखों के साथ भूरे खान कहते हैं- ‘जब भीड़ नीचे हमारी दुकानें जलाने लगी तो हम छत की ओर भागे। वहीं से दूसरी तरफ कूद कर जान बचाई। बचपन में हम टीवी पर तमस देखकर सोचा करते थे कि दंगों का वो दौर कितना खतरनाक रहा होगा। कल हमने वही सब अपनी आंखों से देखा। पुलिस भी उन दंगाइयों को रोक नहीं रही थी, बल्कि पुलिस की आड़ लेकर ही दंगाई आगे बढ़ रहे थे।’ भूरे खान जब आपबीती बता रहे हैं, तब तक दोपहर के 11 बज चुके हैं। सड़क के दूसरी तरफ बसे भजनपुरा की गलियों में अब तक कई लोग जमा हो चुके हैं और ‘जय श्री राम’ के नारों का उद्घोष होने लगा है। फिलहाल पुलिस या सुरक्षा बल के कोई भी जवान इन्हें रोकने के लिए मौजूद नहीं है। हालांकि, भजनपुरा चौक से करावल नगर रोड की तरफ सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
मुख्य सड़क से एक तरफ जिस तरह से मोहम्मद आज़ाद की इमारत और अन्य संपत्ति खाक हुई है, ठीक वैसे ही सड़क के दूसरी ओर मनीष शर्मा की संपत्ति के साथ भी हुआ है। मनीष की बिल्डिंग उस पेट्रोल पंप के ठीक बगल में स्थित है, जिसे सोमवार को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। इस आगज़नी में मनीष की कार, बाइक और उनकी ‘दिल्ली ट्रैवल्स’ नाम की कंपनी का दफ्तर भी जला दिया गया है। इसी इमारत में ‘कैप्टन कटोरा’ नाम का एक रेस्टौरेंट भी जलाया गया है। मनीष के दफ्तर से कुछ ही आगे बढ़ने पर ‘हॉराइजन एकेडमी’ है। मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग करवाने वाले इस संस्थान को नवनीत गुप्ता चलाते हैं। वो बताते हैं- ‘कल करीब साढ़े बारह बजे दंगाइयों ने यहां आगजनी शुरू की। उस वक्त हमारे संस्थान में करीब 50-60 बच्चे मौजूद थे। हम बस इसी बात के लिए भगवान का शुक्रिया कर रहे हैं कि दंगाई कोशिश करने के बावजूद भी दरवाज़े तोड़ने में कामयाब नहीं हुए। उन्होंने यहां लगे सारे सीसीटीवी कैमरे और कांच तोड़ डाले लेकिन अगर वो भीतर दाख़िल हो जाते तो बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए बहुत मुश्किल हो जाती।’